योगी आदित्यनाथ: भाजपा का वो फायर ब्रांड नेता जिसका तय है आगे देश का प्रधानमंत्री बनना

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देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ आज 5 मार्च को अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। योगी आज देश की राजनीति में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बहुत कम उम्र में सीढ़ी दर सीढ़ी उन्होंने जो मुकाम हासिल किए, उनकी बदौलत आज वो भाजपा के एक मजबूत सिपाही माने जाते हैं। योगी आदित्यनाथ हालिया वर्षों में भाजपा के फायर ब्रांड नेता के तौर पर अपनी एक अलग पहचान भी बना चुके हैं।

वर्ष 1998 में योगी आदित्यनाथ महज 26 साल की उम्र में पहली बार गोरखपुर सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे, जिसके बाद लगातार 5 बार वहीं से सांसद चुने गए। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के सीएम चुने जाने के बाद मार्च 2022 में एक बार फिर योगी के नेतृत्व में पार्टी ने प्रचंड जीत दर्ज की और दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। योगी गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मठ के महंत और हिंदू युवा वाहिनी के कर्ताधर्ता भी हैं। जन्मदिन के इस ख़ास अवसर पर जानिए हैं उनके जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…

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असली नाम नहीं है योगी आदित्यनाथ

5 जून, 1972 को उत्तराखंड के एक राजपूत परिवार में जन्मे आदित्यनाथ का मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है। गांव के ही एक स्थानीय स्कूल में पढ़ाई पूरी कर गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया। अपने कॉलेज के दिनों में ही छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़े।

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आज उत्तरप्रदेश में है योगी का दबदबा

कॉलेज के दिनों में ही गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से उनका संपर्क हुआ, जिसके बाद उन्होंने वहां से दीक्षा ली और योगी बने। आदित्यनाथ के गुरू महंत अवैद्यनाथ भी पहले राजनीति में थे, लेकिन जब वर्ष 1998 में उन्होंने राजनीति छोड़ी तो योगी आदित्यनाथ को अपना वारिस बनाया। वारिस बनने के बाद योगी ने महंत और राजनीति दोनों को एक साथ बखूबी संभाला है।

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मार्च 2017 में बतौर सीएम संभाली यूपी की कमान

उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनावों में भाजपा को बहुमत मिला, जिसके बाद 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के लिए चुना। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने यूपी की सबसे बड़ी समस्या गुंडागर्दी पर नकेल कसने के लिए कई कड़े कदम उठाए। उनका शासन की चर्चा देश और देश के बाहर भी है। मार्च 2022 में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार यूपी के बतौर सीएम शपथ ली।

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